फूलों का यह संसार नहीं देखा तो क्या देखा! पर्यटकों के लिए खुला भारत की सबसे सुन्दर “फूलों की घाटी”
उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध फूलों की घाटी जहाँ जाने के लिए पर्यटक हमेशा इसके खुलने का इंतजार कर सकते हैं। विश्व धरोहर फूलों की घाटी को 1 जून से पर्यटकों के लिए खोल दिया गया हैं।
यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल पर फूलों की घाटी नंदादेवी वायोस्फियर रिर्जव में आती है यह कुछ रंगीन और अविश्वसनीय फूल जैसे गेंदा और आर्किड से भरी पड़ी हैं।
आपको बता दें कि इस क्षेत्र में पक्षियां तितलियां और जानवरों को भी काफी अच्छी संख्या में देखा जा सकता है। यह फूलों की घाटी जून से अक्टूबर तक पर्यटकों के लिए खुली रहती है।
300 से भी ज्यादा हैं फूलों की प्रजाति
पूरी घाटी दुर्लभ और विदेशी हिमालय वनस्पतियों से समृद्ध है यहां फूलों के 300 से अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं। इस फूलों की घाटी में आपको ब्रह्मकमल जैसे खूबसूरत फूल देखने को मिलते हैं। जो की सिर्फ साल में एक बार ही खिलते हैं। ब्रह्मकमल को उत्तराखंड का राज्य फूल भी कहा जाता है।
उपवन संरक्षक ने दिखाई हरी झंडी
उत्तराखंड की फूलों की घाटी की खोलने के लिए उप वन संरक्षक बीबी मर्तोलिया ने घांघरिया बेस कैंप से 48 पर्यटकों के पहले दल को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
इसके साथ ही डीएफओ ने जानकारी दी कि ये सेंचुरी एरिया होने के कारण पर्यटक फूलों की घाटी में रात्रि को नही रूक सकते हैं। इसी वजह से यहाँ पर ट्रेक करने के बाद पर्यटक को उसी दिन बेस कैंप घांघरिया वापस आना पड़ता है जहां उनके ठहरने की समुचित व्यवस्था की जाती है।
पर्यटक के लिए ये हैं शुल्क
डीएफओ ने जानकारी दी कि इस फूलों की घाटी में ट्रेकिंग करने के लिए देश के पर्यटकों के लिए 200 रुपए की शुल्क निर्धारित की गई हैं, और विदेशी नागरिक के लिए 800 रुपए की शुक्ल निर्धारित की गई हैं। इसके साथ ही यहाँ पहुंचने के लिए घांघरिया से टूरिस्ट गाइड की सुविधा भी उपलब्ध है। यह फूलों की घाटी 31 अक्टूबर तक ही खुलेगी।
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