पचमढ़ी घूमने की पूरी जानकारी | Pachmarhi Tour Guide in Hindi

Pachmarhi Tour Guide

मध्यप्रदेश में रहते हुए अगर आप हिल स्टेशन का आनंद लेना चाहते है तो आपके लिए पचमढ़ी एक बेहतरीन स्थान है। सतपुरा की रानी के नाम से मशहूर पचमढ़ी की हरी-भरी पहाड़ियां और झरने हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित करते है। 

सतपुरा की पहाड़ियों के मध्य नर्मदापुरम जिले में स्थित पचमढ़ी एक बहुत ही खूबसूरत हिल स्टेशन है जो कि लगभग 1100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। 

ऐसे में आज के इस आर्टिकल में मैं आपको पचमढ़ी घूमने की पूरी जानकारी देने वाली हूँ। 

पचमढ़ी जाने का सबसे अच्छा समय कौन सा है? पहुंचना कैसे है? रुकने के लिए किस तरह की सुविधाएँ है,? यहाँ घूमने के लिए कौन कौन सी जगहें है? यहाँ आप किस तरह की एक्टिविटीज कर सकते है?

किन लोकल फ़ूड को ट्राई कर सकते है? शॉपिंग से लेकर आसपास की जगहें और यहाँ का बजट प्लान।  हर चीज के बारे में अच्छे से समझेंगे। 

पचमढ़ी जाने का सबसे अच्छा समय

वैसे तो पचमढ़ी घूमने का प्लान आप साल में कभी भी बना सकते है लेकिन मानसून के दौरान यह खास तौर पर देखने लायक होता है। 

इस मौसम में यहाँ के झरने और आसपास की हरियाली। सब कुछ आँखों को एक अलग ही सुकून देती है।  

पचमढ़ी कैसे पहुचें?

अगर आप ट्रेन से सफर करते है तो आपको इसके लिए  पिपरिया रेलवे स्टेशन पहुंचना होगा। यहाँ से पचमढ़ी की दूरी 54 किलोमीटर है जो कि आप बस या टैक्सी के माध्यम से आसानी से कर सकते है।  

पिपरिया से पचमढ़ी का सफर देखने लायक हैं, सतपुड़ा के घने जंगल की स्टार्टिंग यही से होती हैं। 

अगर आप बाई एयर पहुंचना चाहते है तो उसके लिए आपको भोपाल या जबलपुर एयरपोर्ट आना होगा। जो कि पचमढ़ी से लगभग 200 किलोमीटर की दूरी पर है। 

पचमढ़ी में कहाँ रुकें?

पचमढ़ी में रुकने के लिए सबसे अच्छे जगहों में चंपक बंगला है जो कि MP Tourism का एक होटल है। यह एक 4star प्रॉपर्टी है जिसके लिए आपको पर नाईट 5 से 7 हजार रूपए खर्च करना होगा। 

दूसरी तरफ लाइब्रेरी रोड पर काफी बजट होटल्स उपलब्ध है जो आपको 1500 से 2000 रूपए में आसानी से कमरे उपलब्ध करा देंगे। 

पचमढ़ी में घूमने की जगहें

जटा शंकर मंदिर

जटाशंकर महादेव पचमढ़ी में प्रवेश द्वार के पास ही स्थित है ।

ऐसा कहते है कि जब शिवजी का पीछा भष्मासुर कर रहे थे तब शिवजी ने खुद को यही पर छुपाया था, यहाँ की पहाड़ियों पर शिव की जी जटा जैसी आकृतिया भी बनती है।

गुफा में एक प्राकृतिक शिवलिंग है जिसके ऊपर शेषनाग अपने फन फैलाए हुए बैठे हैं।

पांडव गुफाएं

जैसा की नाम से ही स्पष्ट है पांडव गुफाओं का संबंध पांडवों से है।

जब पांडव अपने अज्ञातवास में थे उस समय उन्होंने काफी समय पचमढ़ी में बिताया था जिन्हें आज पांडव गुफाओं के नाम से जानते है।

इन गुफाओं का पुनर्निर्माण नौवीं सदी में किया गया था कुछ लोग इन्हें बौद्ध गुफाएं भी कहते हैं ।

अंबा देवी का मंदिर

अंबा माई का मंदिर पचमढ़ी के प्रवेश द्वार के पास ही स्थित है, स्थानियों लोग ऐसा कहते है कि आज भी नवरात्रि के दौरान यहाँ माई के दर्शन करने जंगल से शेर आता है।

तंत्र विद्या के लिए भी यह मंदिर काफी प्रसिद्ध है और नवरात्रि में दूर-दूर से तांत्रिक यहाँ तंत्र सिद्ध करने पहुंचते है।

रजत प्रपात

पचमढ़ी के सबसे उंचे जलप्रपातों में से एक है रजत प्रपात, जिसे सिल्वर फॉल भी कहते हैं।

रजत जलप्रपात को भी जब हम देखते हैं तो वह भी चांदी की तरह चमकता हुआ प्रतीत होता है इसलिए इस प्रताप को रजत प्रपात नाम दिया गया है ।

रजत जलप्रपात तक पहुंचने के लिए आपको 1.5 से 2 किलोमीटर तक घने जंगलों में चलना पड़ता है यह जलप्रपात अप्सरा जलप्रपात के पास ही है ।

अप्सरा विहार जलप्रपात

अप्सरा बिहार जलप्रपात शहर से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर है।

इस झरने के एंट्री गेट तक आप जिप्सी से भी जा सकते हैं, आगे आपको पैदल ही जाना होगा।

कच्चे पक्के रास्ते पर होते हुए जब आप जलप्रपात तक पहुंचेंगे तो यह आपका मन मोह लेगा, आपको कई छोटे-छोटे वाटरफॉल दिखाई देंगे जो पानी के बड़े कुंड में गिरते हैं जिसमें पर्यटक नहाते भी हैं ।

प्रियदर्शनी स्थल

जब हम बड़े महादेव की तरफ जाते हैं तब हमें प्रियदर्शनी पॉइंट मिलता है जिसे फोरसिथ पॉइंट भी कहा जाता है।

इस एक स्थान से पचमढ़ी का पूरा नजारा देखा जा सकता हैं! यहां पर आप घुड़सवारी, ऊंट की सवारी कर सकते हैं साथी ही कुछ मौसमी फलों का भी आनंद उठा सकते हैं।

हांडी खोह

हांडी खोह एक ऐसी घाटी है जो चारों तरफ घने जंगलों से ढकी हुई है, यह पचमढ़ी की सबसे सुंदर घाटियों में से एक है।

इसी घाटी में एक ईको पॉइंट भी है जहां आप कोई भी आवाज देंगे तो वह पर्वत से टकराकर वापस आपको सुनाई देगी।

हांडी खोह को सुसाइड पॉइंट भी कहा जाता है कहते हैं कैप्टन फोरसिथ ने यहां सुसाइड कर लिया था इसलिए यह सुसाइड पॉइंट के नाम से भी जाना जाता है ।

राजेंद्र गिरी सनसेट पॉइंट

यह एक सनसेट पॉइंट है जहाँ से आपको सनसेट का सुंदर नजारा देखने को मिलता है।

यहां भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद अक्सर आते रहते थे जिनके सम्मान में इस स्थान का नाम राजेंद्र गिरी रखा गया है।

यहाँ एक उद्यान भी है जिसमें सुंदर-सुंदर पुष्प और विभिन्न प्रकार की जड़ी बूटियां भी आपको देखने को मिलेगी ।

कैथोलिक चर्च

पचमढ़ी में हिंदू मंदिर, बौद्ध गुफाएं इत्यादि तो हैं ही साथ ही एक कैथोलिक चर्च भी है जो लगभग डेढ़ सौ वर्ष पुराना है। यह पचमढ़ी बस स्टैंड से लगभग 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

खूबसूरत सा पुराना कैथोलिक चर्च रविवार को पर्यटकों के लिए खुलता है।

इसके मैदान में एक छोटा सा कब्रिस्तान है जिसमें मकबरे पर 1800 के दशक से लेकर विश्व युद्ध तक के शिलालेख आपको देखने को मिलेंगे ।

बड़ा महादेव

पचमढ़ी बस स्टैंड से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर घाट क्षेत्र को पार करते हुए आप पहुंचते है बड़ा महादेव ।

बड़ा महादेव गुफा भी भस्मासुर से संबंधित गुफा है, कहा जाता है इसी स्थान पर भगवान विष्णु ने मोहनी का रूप धारण करके नृत्य किया था और भस्मासुर के सर पर हाथ रखवा कर उसे भस्म किया था ।

बड़ा महादेव गुफा एक प्राकृतिक गुफा है जिसमें पूरे वर्ष भर बूंद बूंद करके पानी गिरता रहता है जिसमें एक स्वयंभू शिवलिंग है और एक बड़े शिवलिंग भी विराजमान है।

गुप्तेश्वर महादेव

बड़ा महादेव से लगभग आधा किलोमीटर की दुरी पर ही गुप्तेश्वर महादेव स्थित हैं जहाँ पर बहुत ही सकरी गुफा से अंदर जाकर भगवान शंकर के दर्शन किए जाते हैं।

इस सकरी गुफा में एक बार में केवल 8 ही लोग अंदर जा सकते हैं। गुफा के बाहर एक चट्टान पर हनुमान जी की एक भव्य प्रतिमा स्थापित है।

चौरागढ़ महादेव मंदिर

पचमढ़ी में सबसे प्रमुख मंदिरों में से एक चौरागढ़ महादेव का मंदिर भी हैं जो की समुद्र तल से 1326 मीटर उचाई पर पहाड़ी में स्थित हैं। 

इस मंदिर में जाने के लिए आपको 1300 सीढ़ियों को पार करना होता हैं, जो किसी एडवेंचर के कम नहीं हैं।

इस स्थान में हर साल शिवरात्रि में भव्य मेले का आयोजन किया जाता हैं, जहाँ लाखों की संख्या में भक्तजन आकर भगवान शिव के दर्शन करते हैं।

इस मेले में बहुत से शिव भक्त भारी-भारी वजन के त्रिशूल अपने कंधे पर लेकर जाते हैं और चौरागढ़ मंदिर के प्रांगण में भगवान शिव को समर्पित करते हैं।

धूपगढ़

अब बात करते हैं धूपगढ़ की जिसे सनसेट पॉइंट के नाम से भी जाना जाता हैं। 

यह सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला की सबसे ऊंची चोटी के रूप में जानी जाती है  जिसकी उचाई समुद्र तल से 1352 मी हैं।

धूपगढ़ पर्यटकों के बीच प्रमुख आकर्षणों में से एक हैं जहाँ पर लोग सूर्यास्त के सूंदर दृश्य को देखने जाते हैं। 

पहले यहाँ पर लोग अपने वाहन से जा सकते थें लेकिन अभी इस जगह पर जिप्सी से ही जाना अनिवार्य कर दिया गया है।

बायसन लॉज म्यूजियम 

बायसन लॉज म्यूजियम जो कि मध्य प्रदेश के सबसे पुराने म्यूजियम में से एक है। बायसन म्यूजियम से ही आपको पचमढ़ी घूमने के लिए शुल्क देकर रसीद लेनी होती है। जहा से आप जिप्सी भी बुक कर सकते हैं। 

इसके साथ ही यहां पर कुछ ऐसी भी जगहें है जहाँ आप बिना टूर गाइड के नहीं घूम सकते हैं तो उसके लिए भी आपको गाइड यही से बुक करना होता है। 

इस म्यूजियम में आपको विभिन्न प्रकार के जीव जंतु वनस्पतियों के मॉडल देखने को मिल जाएगा साथ ही यहाँ आप पचमढ़ी के अलग अलग जगहों के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते है। 

बी फॉल

बी फाल यहाँ के सबसे पॉपुलर झरने में से एक है।

यहाँ तक पहुंचने के लिए आपको जिप्सी की सुविधा लेनी पड़ती है। पार्किंग स्थल से कुछ दूरी के लिए आपको ट्रैकिंग करना पड़ता है जिसके बाद आप पहुंचते है झरने के पास। 

यहाँ आपको 35 मीटर की ऊंचाई से गिरता हुआ झरना दिखेगा जिसकी खूबसूरती कमाल है।इस झरने में पर्यटक नहाने का भी आनंद उठाते हैं। 

पचमढ़ी में क्या एक्टिविटी कर सकते है?

यहाँ पर घूमने के अलावा कई सारी एक्टिविटीज भी है जिन्हें आप एक्सपीरियंस कर सकते है।

सतपुड़ा नेशनल पार्क की जंगल सफारी का आनंद आपको जरूर लेना चाहिए साथ ही आप चाहे तो SATPURA ADVENTURE CLUB में पैरासेलिंग, ज़िपलाइन और ATV राइड जैसे कुछ फन और एडवेंचर एक्टिविटी का भी लुफ्त उठा सकते है। 

आप चम्पक लेक में बोटिंग का भी आनंद उठा सकते है जिसकी शुल्क प्रति व्यक्ति सिर्फ 100 रुपये की होती हैं।

पचमढ़ी में किन फ़ूड को ट्राई करना चाहिए?

पचमढ़ी जाएं और यहाँ का लोकल खाना न खाए तो मजा किस बात का, आप यहाँ की मक्के और ज्वार की रोटी खा सकते हैं। 

इसके अलावा यहाँ पर भुट्टे की कीज बहुत फेमस हैं जिसे आप खा सकते हैं। 

यदि आप किसी रेस्टुरेंट में खाना का सोच रहे है तो बेटा बावर्ची यहाँ का सबसे अच्छा रेस्ट्रॉन्ट हैं।

पचमढ़ी के त्योहार

नागद्वार यात्रा मध्य प्रदेश की अमरनाथ यात्रा के नाम से प्रसिद्ध हैं।

नागद्वार यात्रा को मध्य प्रदेश की अमरनाथ यात्रा के नाम से जाना जाता है। इस यात्रा में मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के लाखों लोग शामिल होते है। 

पूरे साल में यह यात्रा सिर्फ एक बार सावन मास में होती है जिसमें नाग पंचमी के दिन यहाँ  काफी संख्या में श्रद्धालु जुटते है।

यहाँ यात्रा  सिर्फ 10 दिनों के लिए ही होती हैं जिसके बाद इसके द्वार बंद कर दिए जाते हैं।  

नागद्वारी के अंदर चिंतामणि की गुफा है, यह गुफा 100 फीट लंबी है। इस गुफा में नागदेव की कई मूर्तियां हैं। 

चिंतामणि गुफा से लगभग आधा किमी की दूरी पर स्वर्ग द्वार स्थित है। स्वर्ग द्वार में भी नागदेव की ही मूर्तियां हैं। 

पचमढ़ी के आसपास घूमने वाली जगहें

यदि आपके पास समय है और आप पचमढ़ी के आसपास की जगह भी घूमना चाहते है तो आप तामिया, पातालकोट और चुर्णा जैसे खूबसूरत स्थानों की सैर कर सकते हैं।

अन्य जरूरी जानकारी

जैसा की हमने पहले बताया की पंचमढ़ी में कुछ जगहों पर जाने के लिए आपको पहले बाइसन लॉज में जाकर अनुमति लेनी होगी। इसके लिए आधार कार्ड साथ रखना न भूलें।

अगर आप 2 लोगों के साथ 2 दिनों की यात्रा प्लान करते है तो आप आसानी से सभी जगहों को 7-8 हजार रूपए के बजट में कवर कर सकते है। अगर आप अच्छे होटल और अलग अलग एक्टिविटी करेंगे तो यह खर्चा और भी अधिक बढ़ जाएगा। 

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