भारत के इन मंदिरों में बिना धोती के एंट्री नहीं कर सकते हैं पुरुष

भारत एक ऐसा देश हैं जो अपनी धार्मिक विविधता और समृद्ध संस्कृति के लिए मशहूर है यहां विभिन्न राज्यों और शहरों में कई ऐसे धार्मिक तीर्थ स्थल हैं जो अपने इतिहास और परंपराओं के कारण प्रसिद्ध हैं।

यहाँ के हर मंदिर का अपना अलग महत्व और अलग कहानी होती है, और त्योहारों के समय यहाँ विशेष भीड़ देखने को मिलती है। इसके साथ ही भारत में बहुत से ऐसे मंदिर हैं जहाँ पुरुषों को बिना धोती पहने अंदर नहीं जाने दिया जाता हैं। आइए जानते हैं भारत के 5 ऐसे प्रमुख मंदिरों के बारे में जहां ड्रेस कोड का पालन करना अनिवार्य है।

महाकालेश्वर मंदिर, उज्जैन

उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर मंदिर, जो की 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और दुनिया भर में अपनी भस्म आरती के लिए प्रसिद्ध है। यहां दर्शन करने के लिए महिलाओं को साड़ी और पुरुषों को धोती पहननी होती है। इसके बिना उन्हें मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाता। यहाँ की भस्म आरती की महिमा सुनकर हर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो जाता है।

घृष्णेश्वर मंदिर, दौलताबाद

दौलताबाद से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित घृष्णेश्वर मंदिर भी 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इसे अंतिम ज्योतिर्लिंग कहा जाता है। अहिल्याबाई होल्कर ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था। यहां पुरुषों को बिना धोती के प्रवेश की अनुमति नहीं है, और हजारों श्रद्धालु यहां रोजाना दर्शन के लिए आते हैं।

तिरुपति बालाजी मंदिर, तिरुमला

तिरुपति बालाजी का मंदिर, जिसे तिरुमला मंदिर भी कहा जाता है, भगवान विष्णु के वेंकटेश्वर स्वरूप को समर्पित है। यह मंदिर विश्व भर में प्रसिद्ध है। यहां महिलाओं को साड़ी पहनकर और पुरुषों को धोती पहनकर ही प्रवेश मिलता है। यह ड्रेस कोड यहां के आस्था और परंपरा का हिस्सा है।

महाबलेश्वर मंदिर, महाबलेश्वर

महाराष्ट्र के सतारा जिले में स्थित महाबलेश्वर मंदिर में शिवलिंग स्थापित है जिसे स्वयंभू माना जाता है। गर्भगृह में स्थित शिवलिंग को महालिंगम कहा जाता है। यहां प्रवेश का कोई शुल्क नहीं है, लेकिन ड्रेस कोड का पालन अनिवार्य है। यहां भी महिलाएं साड़ी और पुरुष धोती पहनकर ही दर्शन कर सकते हैं।

पद्मनाभस्वामी मंदिर, तिरुवनंतपुरम

केरल के तिरुवनंतपुरम में स्थित पद्मनाभस्वामी मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है, जहां वे शेषनाग पर शयन मुद्रा में विराजमान हैं। इस मंदिर का निर्माण मार्तंड राजा ने करवाया था। यहां भी ड्रेस कोड का पालन अनिवार्य है, जिसमें महिलाओं को साड़ी और पुरुषों को धोती पहननी होती है। रोजाना हजारों श्रद्धालु यहां दर्शन करने के लिए आते हैं।

भारत के इन प्रसिद्ध मंदिरों में ड्रेस कोड का पालन न केवल धार्मिक नियमों का हिस्सा है, बल्कि यह हमारी परंपराओं और आस्थाओं का सम्मान भी है। यदि आप भी इन मंदिरों के दर्शन करने जा रहे हैं, तो इन नियमों का पालन जरूर करें और अपनी यात्रा को आनंद उठाए ।

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