माता-पिता को करवाना चाहते हैं दिल्ली की यात्रा, तो इन मंदिरों में जरूर करवायें दर्शन
Famous Temples of Delhi : राजधानी दिल्ली में घूमने की हेतु कई फेमस जगह है। जहां बड़ी संख्या में पर्यटक घूमने फिरने आते हैं। दिल्ली के ऐतिहासिक विभिन्न पर्यटक स्थलों में लाल किला, इंडिया गेट, कुतुब मीनार, आदि को देखते पूरे देश से सैलानी यहां पहुंचते हैं।
लेकिन आज के इस लेख में हम आपको दिल्ली फेमस मंदिरों के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं जिनकी सुंदरता और इन मंदिरों की प्राचीन मान्यता के कारण बड़ी संख्या में यहां लोग दर्शन करने पहुंचते हैं।
तो अगर आप भी दिल्ली की यात्रा करने की सोच रहे हैं तो ऐतिहासिक स्थलों के साथ-साथ इन दिल्ली के इन खूबसूरत वास्तुकला और विशिष्ट बनावट वाले मंदिरों में अवश्य जाएं। इनमें से कुछ मंदिर तो देखने में इतनी खूबसूरत है की इन मंदिरों में समय कैसे बीत जाता है पता ही नहीं चलता।
अक्षरधाम मंदिर
दिल्ली के मंदिरों की बात आते ही सबसे पहले दिमाग में तस्वीर सामने आती है। अक्षरधाम मंदिर दिल्ली के सबसे ज्यादा देखे जाने वाले पर्यटक स्थलों में से एक है। 100 एकड़ में फैली हो इस मंदिर की खूबसूरती देखते ही बनती है। 141 फीट ऊंचे इस मंदिर का नाम गिनीज बुक का रिकॉर्ड में भी दर्ज किया गया है।
इस मंदिर में की जाने वाली खूबसूरत लाइटिंग देखने में किसी और भी आकर्षक बनाते हैं इसके अलावा यहां पर नीलकंठ नाम से एक थिएटर भी बनाया गया है जिसमें स्वामी नारायण के जीवन से संबंधित नाटिकाओं का मंचन किया जाता है। 2005 से यह मंदिर दर्शकों के देखने के लिए ओपन किया गया है।
श्री किलकारी भैरव मंदिर
प्रगति मैदान के पीछे बना श्री किलकारी भैरव मंदिर भी दिल्ली की प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। महाभारत काल से संबंधित यह मंदिर आस्था का केंद्र है। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण द्वापर युग में पांडवों द्वारा करवाया गया था।
इस मंदिर की एक खास बात यह है कि अन्य मंदिरों की तरह यहां पर फल फूल और प्रसाद के साथ देवताओं को शराब चढ़ाई जाती है। इसलिए मंदिर को दो भागों में विभाजित किया गया है। इस मंदिर में किलकारी भैरव जी को शराब चढ़ाई जाती है और मंदिर के दूसरे हिस्से में दूधिया भैरव जी को दूध का प्रसाद चढ़ाया जाता है।
हनुमान मंदिर
यदि आपने दिल्ली मेट्रो से करोल बाग की यात्रा की होगी तो अपने झंडेवालन मेट्रो स्टेशन के पास बने हनुमान जी की मूर्ति को अवश्य देखा होगा। यह मूर्ति यहां स्थित प्रसिद्ध हनुमान मंदिर में स्थापित की गई है। जिसका निर्माण काफी अनोखे अंदाज से किया गया है। हनुमान मंदिर के प्रवेश द्वार को भी बहुत अद्भुत ढंग से बनाया गया है जो देखने में काफी आकर्षक लगता है।
मंगलवार और शनिवार के दिन इस हनुमान मंदिर में भक्तों का ताँता लगा रहता है। तो यदि आप भी हनुमान भक्त हैं और दिल्ली के शानदार मंदिर में हनुमान जी के दर्शन करना चाहते हैं तो झंडेवालन मेट्रो स्टेशन के पास स्थित हनुमान मंदिर जा सकते हैं।
इस्कॉन मंदिर
इस्कॉन द्वारा बनाए गए मंदिर की सुंदरता के बारे में तो हर कोई जानता ही है। लेकिन दिल्ली में स्थित इस्कॉन मंदिर की खूबसूरती देखते ही बनती है। भगवान कृष्ण को समर्पित इस मंदिर में देश-विदेश से भक्त श्री कृष्णा और राधा रानी के दर्शन हेतु पहुंचते हैं।
इस मंदिर को श्री श्री राधा पार्थसार्थी के नाम से भी जाना जाता है। इस्कॉन के मंदिर परिसर में एक संग्रहालय है जो समृद्ध वैदिक संस्कृति की अंतर्दृष्टि प्रदान करता है। संग्रहालय मेंविभिन्न देवी-देवताओं को चित्रित करने वाली कांस्य मूर्तियों का संग्रह है।
इसके अलावा यहाँ रामायण आर्ट गैलरी, भगवद गीता एनिमेट्रॉनिक्स रोबोट शो, वैदिक सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स का भी आनद लिया जा सकता है ।
कालकाजी मंदिर
कालकाजी मंदिर दिल्ली के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक माना जाता है . यह मंदिर नेहरू प्लेस और ओखला व कालकाजी मेट्रो स्टेशन पर समीप स्थित है। ऐसा माना जाता है कालकाजी मंदिर में मांगी गई हर मन्नत पूरी होती है। जिस कारण यहां बड़ी संख्या में लोग माता के दर्शन करने पहुंचते हैं।
यह मंदिर काली माता को समर्पित है जिसके कारण इसे कालकाजी मंदिर नाम दिया गया है। देखने में भी यह मंदिर का बेहद ही खूबसूरत लगता है . तो आप भी दिल्ली यात्रा के दौरान एक बार कालका मंदिर अवश्य जाएं ।
लक्ष्मी नारायण मंदिर
दिल्ली का लक्ष्मी नारायण मंदिर यहां के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है . 1930 में बीडी बिड़ला द्वारा इस मंदिर का निर्माण करवाया गया था जिस वजह यह बिरला मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। लाल बलुआ पत्थर से बना यह मंदिर भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी को समर्पित है।
बात करें यहां की वास्तुकला की तो लक्ष्मीनारायण मंदिर हिंदू मंदिर वास्तुकला की उत्कृष्ट नागर शैली को प्रदर्शित करता है। इसे प्रसिद्ध वास्तुकार, श्री चंद्र चटर्जी द्वारा बेहद ही खूबसूरती से डिजाइन किया गया है।
7 एकड़ से अधिक के विशाल क्षेत्र में फैला यह मंदिर तीन मंजिलों में विभाजित किया गया है, जिसका सबसे ऊंचा बिंदु लगभग 160 फीट की राजसी ऊंचाई तक पहुंचता है।मंदिर के ऊपर का घेरा नक्काशी से सुशोभित है जो उत्कृष्ट दृश्यों को चित्रित करता है।