अयोध्या के अलावा इन जगहों पर भी है प्रभु राम के मशहूर मंदिर, एक बार जरूर करें दर्शन

Famous Ram Temple in India: फेमस अयोध्या में जब से राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हुई है तभी से सभी राम भक्तों में रामलला के दर्शनों को प्राप्त करने के लिए एक अलग ही उत्साह देखा जा रहा है। आपको बता दें क्योंकि इस समय ज्यादातर देश के सभी इलाकों से लोग रामलला के दर्शन करने पहुंच रहे हैं तो वहां भीड़-भाड़ होना लाजमी है।

ऐसे में अगर आप भी  रामलला  के दर्शनों का प्लान बना रहे हैं तो शायद यह समय इसके लिए ठीक नहीं है। लेकिन फिर भी अगर आप भगवान राम में आस्था रखते हैं और उनके दर्शन के आतुर हैं तो आज हम अपने इसलिए के माध्यम से आपको देश के कुछ ऐसे प्राचीन राम मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं।

जहां की यात्रा आपको अयोध्या की यात्रा जैसा ही आध्यात्मिक आनंद देगी। मंदिरों में आप समय लेकर सकते हैं और शांत वातावरण में प्रभु का सानिध्य महसूस कर सकते हैं

त्रिप्रायर श्रीराम मंदिर

उत्तर भारत में कई प्राचीन मंदिर हैं जो ऐतिहासिक धरोहर को संभाले हुए हैं . इन्हीं प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है केरल का त्रिप्रायर श्रीराम मंदिर। त्रिप्रायर श्रीराम मंदिर  प्राकृतिक खूबसूरती के लिए जाना जाता है. यहां हर वर्ष बड़ी संख्या भक्त इस प्राचीन मंदिर में दर्शनों के लिए पहुंचते हैं।

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यह मंदिर केरल के मशहूर मंदिरों में से एक है। मान्यताओं के अनुसार यहां पर मांगी गई हर मुराद होती है। एक अनोखी बात जो इस मंदिर को और भी अद्भुत बनती है वह मान्यता है कि यहां भगवान की राम की पूजा के यहां स्वयं श्री कृष्णा के द्वारा की जाती है। यहां पूजित मूर्ति एक स्वयंभू मूर्ति है . जो ब्रह्मा विष्णु महेश त्रिमूर्ति के रूप में जानी जाती है और जिसे भगवान राम के रूप में पूजा जाता है।

बात करें यहां पहुंचने की तो केरल के दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र में त्रिप्रयार नाम का एक शहर स्थित है। त्रिप्रयार श्रीराम मंदिर त्रिप्रयार नामक नदी के तट पर स्थित है, और इसे  कोडुंगल्लूर शहर का मुख्य धार्मिक स्थल माना जाता है। त्रिप्रयार में स्थित यह मंदिर कोडुंगल्लूर शहर से लगभग 15 किलोमीटर और त्रिशूर से 25 किलोमीटर दूर है।

रामास्वामी मंदिर

रामायण काल का एक बड़ा हिस्सा दक्षिण भारत से जुड़ा हुआ है। इसी वजह से यहां के कई मंदिरों में रामायण की घटनाओं का उल्लेख वास्तुकला के रूप में दर्शाया गया है। इन्हीं मंदिरों में से एक है तमिलनाडु का रामास्वामी मंदिर। जो दक्षिण भारत के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है।

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इस मंदिर में हर वर्ष बड़ी संख्या में दर्शन करने के लिए यात्री पहुंचते हैं यहां श्री राम सीता माता और लक्ष्मण और शत्रुघ्न व्  हनुमान की मूर्तियां विराजमान है। कहां जाता है इस मंदिर का निर्माण 16वीं शताब्दी के नायककर राजाओं द्वारा करवाया गया था। हर वर्ष यहां प्रतिष्ठित महामहम उत्सव का आयोजन किया जाता है।

राम राजा मंदिर

सनातन धर्म के अनुसार भगवान राम को अयोध्या के राजा के रूप में भी जाना जाता है। लेकिन अयोध्या के अलावा एक ऐसा भी राज्य है जहां के मंदिर में भगवान राम को राजा की तरह पूजा जाता है। हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश के ओरछा में स्थित राजा राम मंदिर की।

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यह मंदिर देश का एक ऐसा इकलौता मंदिर है जहां श्री राम की पूजा राजा के रूप में की जाती है। और जिस प्रकार राजा को तोपों की सलामी दी जाती है वैसे ही इस मंदिर में सुबह-शाम एमपी पुलिस द्वारा बंदूकन की सलामी राजा राम को दी जाती है।

मान्यताओं के अनुसार यहां के महाराजा मधुकरशाह ने श्री राम को यहां का राजा मान लिया था और उन्हीं के आदर्शों पर चलकर रामराज की स्थापना यहां पर की थी।

कालाराम मंदिर

भगवान राम के प्रसिद्ध मंदिरों में से नासिक में स्थित कलाराम मंदिर भी है। अयोध्या में स्थापित राम लला  की मूर्ति की तरह ही यहां पर भी भगवान राम की मूर्ति कल रंग में विराजमान है। बताया जाता है कि इस मूर्ति को किसी कारीगर ने नहीं बनाया है बल्कि यह काले रंग की मूर्ति गोदावरी नदी में मिली थी। इस मूर्ति का रंग काला होने के कारण ही इस मंदिर का नाम  काला राम मंदिर पड़ा है।

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पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान राम ने अपने वनवास काल का कुछ समय इस स्थान पर व्यतीत किया था। इस मंदिर के पास ही स्थित पंचवटी को ही वह स्थान माना जाता है जहां पर लक्ष्मण ने सूपनखा  की नाक काटी थी।

सीता रामचंद्रस्वामी मंदिर

सीता रामचंद्र स्वामी मंदिर तेलंगाना राज्य के भद्रचलम शहर में स्थित है। इस मंदिर को दक्षिण की अयोध्या के रूप में माना जाता है। यह मंदिर गोदावरी नदी के किनारे स्थापित किया गया है।

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प्राचीन मान्यताओं के अनुसार यह वही स्थान है जहां पर भगवान राम ने सीता माता को वापस लाने के लिए गोदावरी नदी पार की थी। इस मंदिर के गर्भ ग्रह में भगवान राम माता सीता की मूर्ति विराजमान है।

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