उत्तराखंड में छिपा है स्वर्ग सा नजारा, भीड़ भाड़ से दूर जन्नत की सैर; खूबसूरती देख भूल जाएंगे अपने घर का रास्ता

देवभूमि के नाम से प्रसिद्ध उत्तराखंड भारत देश का एक ऐसा प्रदेश है, जिसको सुंदरता का आशीर्वाद देवी देवताओं द्वारा दिया गया है। यहां के प्राकृतिक दृश्य इतने मनोरम और मां को शांति देने वाले हैं कि एक बार यहां आने के बाद वापस जाने का मन नहीं करता।

उत्तराखंड में गर्मी हो या सर्दी हर मौसम यहां सैलानियों को आकर्षित करता है। अक्सर यहां आने वाले पर्यटक उत्तराखंड को प्रकृति के स्वर्ग की भी संज्ञा देते हैं।

गर्मी में यहां की जलवायु ठंडक का एहसास दिलाता है और सर्दी में बर्फ से लदे पहाड़ आंखों को सुकून देते हैं। उत्तराखंड में यूं तो बहुत से खूबसूरत पर्यटक स्थल है जिसमें से नैनीताल मसूरी, अल्मोड़ा, टिहरी जैसे कुछ शहर तो अक्सर ही सैलानियों से भरे रहते हैं।

लेकिन आज अपने इस आर्टिकल में हम आपको उत्तराखंड के एक ऐसे शहर के बारे में बताने जा रहे हैं जहां की सुंदरता को शब्दों में बयां करना आसान नहीं है। हम बात कर रहे हैं उत्तराखंड के रानीखेत जिले की, जहां की ऊंची ऊंची वादियां और शांत वातावरण में आपको  शहर की भीड़ भाड़ से दूर प्रकृति की गोद में जीवन के बेहतरीन लम्हे गुजरने का अवसर  मिलता है।

क्या है रानीखेत में खास

  • बात करें इस जिले के नाम की तो रानीखेत की खोज प्राचीन काल में राजा सुखरदेव की पत्नी रानी पद्मिनी द्वारा की गई थी। मान्यताओं की माने तो रानी एक बार घूमते हुए यहां से गुजरी उन्हें यहां की खूबसूरती इतनी अच्छी लगी के उन्होंने यहां रुकने का फैसला किया इसके बाद इस जगह का नाम रानीखेत पड़ गया।
  • आपको बता दे रानीखेत का ब्रिटिश कल से भी गहरा संबंध है . यहां के मनोरम वातावरण और मौसम को देखते हुएअंग्रेजों ने सबसे पहले कुमाऊं रेजिमेंट का मुख्यालय स्थापित किया था।
  • आज के समय में कुमाऊं रेजीमेंट और नागा रेजीमेंट का सेंटर रानीखेत में ही स्थित है जिसे अब भारतीय सेवा द्वारा नियंत्रित किया जाता है।
Credit: shrineyatra

तो चलिए अब हम आपको रानीखेत के ऐसी खास टूरिस्ट डेस्टिनेशन के बारे में बताते हैं जहां आप रानीखेत की यात्रा के दौरान घूमने जा सकते हैं और प्रकृति कैसे अनछुई  जगह का आनंद ले सकते हैं-

रानी झील

  • रानीखेत की खूबसूरत दर्शनीय स्थलों में से रानी झील का स्थान अलग ही है। रानीखेत की यात्रा के दौरान रानी झील की सैर शहर करना ना भूले।
  • रानी झील में आप वोटिंग का आनंद भी ले सकते हैं। यहां आपको वोटिंग के लिए 30 से ₹40 तक का किराया देना होगा जिसके लिए आपको 30 मिनट से लेकर 1 घंटे तक की बोटिंग कराई जाती है।
  • हर साल यहां बड़ी संख्या में पर्यटक और स्थानीय लोग वोटिंग के लिए पहुंचते हैं। और झीलों की प्राकृतिक खूबसूरती को निहारने में काफी समय व्यतीत करते हैं।
  • वोटिंग के साथ-साथ अगर आप एडवेंचर्स एक्टिविटीज के भी शौकीन है तो रानी झील में आपकोएडवेंचर एक्टिविटीमें आपको फ्लाइंग फॉक्स, बर्मा ब्रिज और वॉटर रोलर को इंजॉय करने का भी मौका मिलता है।
Credit:holidaytravel

सरना गार्डन

  • सरना गार्डन रानीखेत की एक ऐसी जगह है जहां के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं .
  • सरना गार्डन से उगते हुए सूरज को देखने का एक अलग ही आनंद है इसके अलावा आप शाम के समय यहां पर सनसेट को भी एंजॉय कर सकते हैं। जहां से आप अपने आप को प्रकृति के बेहद करीब महसूस करते हैं।
  • इस लोकेशन की जानकारी बहुत कम लोगों को होने की वजह से यहां पर अक्सर आपको बहुत कम भीड़भाड़ देखने को मिलती है जिससे आप शांत माहौल में परिवार के साथ क्वालिटी टाइम  बिता सकते हैं।

चौबटिया बाग

  • आपने अक्सर सुना होगा देश के सबसे अधिक से की खेती उत्तराखंड में ही होती है। तो आपको बता दें चौबटिया ही वह जगह है  जहां एशिया का सबसे बड़ा सेव का गार्डन स्थित है।
  • यहां पर फलों का एक अनुसंधान केंद्र भी स्थित है।
  • यदि आप एक छोटी सी पिकनिक मनाना चाहते हैं तो यह स्थान आपके लिए एकदम परफेक्ट है। इसके अलावा आप यहां से हिमालय की खूबसूरत चोटियों की भी दर्शन कर सकते हैं जहां जहां से यह नजारा अद्भुत होता है ।
  • चौबटिया गार्डन में  कोई एंट्री फीस तो नहीं है। लेकिन अगर आप इसे करीब से इसे एक्सप्लोर करना चाहते हैं, तो 200 या ₹300 में गाइड बुक करके इसके बारे में और अच्छे से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
  • भीड़ भाड़ और शोर शराबे  से दूर यह जगह आपको शांत वातावरण में समय बताने का मौका देती है।
  • इसके अलावा अगर आप ट्रैकिंग के शौकीन है तो चौबटिया गार्डन से होल्म फार्म तक तक प्रकृति का आनंद लेते हुए ट्रैकिंग भी कर सकते हैं
Credit: navbharattimes

गोल्फ ग्राउंड

इसके अलावा रानीखेत की यात्रा के दौरान गोल्फ ग्राउंड आप भी देखने जा सकते हैं आपको बता दें यह एशिया  का दूसरा सबसे बड़ा गोल्फ ग्राउंड है, जो शहर से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

रानीखेत कैसे पहुंचे

  • रानीखेत से सबसे नजदीक का हवाई अड्डा पंतनगर एयरपोर्ट है जो की रानीखेत से लगभग 119 किलोमीटर की दूरी पर है। पंतनगर पहुंचकर आप टैक्सी या कैब  की सहायता से सड़क मार्ग द्वारा आसानी से रानीखेत पहुंच सकते हैं।
  • अगर आप ट्रेन के माध्यम से रानीखेत पहुंचाना चाहते हैं तो यहां से सबसे पास का रेलवे स्टेशन हल्द्वानी स्थित काठगोदाम रेलवे स्टेशन है.जहां से रानीखेत लगभग 80 किलोमीटर की दूरी पर है। जहां से आप टैक्सी द्वारा रानीखेत पहुंच सकते हैं।
  • इसके अतिरिक्त सड़क के रास्ते रानीखेत कई बड़े शहरों से कनेक्ट है। देहरादून से रानीखेत लगभग 318 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है इसके अलावा यदि आप दिल्ली से रानीखेत की यात्रा करना चाहते हैं तो आपको सड़क मार्ग द्वारा 363 किलोमीटर की दूरी तय करनी होगी।

अंत में हम आपसे यही कहना चाहेंगे कि अगर आप भीड़भाड़ वाले पर्यटक स्थलों से बचना चाहते हैं और साथ ही उत्तराखंड की प्राकृतिक नैसर्गिक सुंदरता का करीब से महसूस करना चाहते हैं। तो रानीखेत आपके लिए एक अच्छा विकल्प है। जहां आप नैनीताल और मसूरी जैसे खूबसूरत नजारों को अपने परिवार और दोस्तों के साथ एकांत में इंजॉय कर सकते हैं।

 

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