यह है राजस्थान का कश्मीर, यहाँ की खूबसूरत जगहों से आज भी बेखबर हैं लोग; नजारे है कमाल!

यदि आप भी सुकून और प्राकृतिक सुंदरता की तलाश में हैं, तो राजस्थान का बांसवाड़ा जिला आपके लिए बेहतरीन जगह हो सकता है। इस जगह को ‘राजस्थान के चेरापूंजी’ के नाम से भी जाना जाता है, यह सूंदर जगह को ज्यादा तर लोग नहीं जानते हैं। यदि आप भी राजस्थान में जाने का प्लान बना रहे है तो यहाँ के बांसवाड़ा में जरूर जाए।

क्यों मशहूर है बांसवाड़ा?

बांसवाड़ा का नाम ‘बांस’ यानी बांस के पेड़ों से पड़ा है, जो कभी यहां काफी मात्रा में उगते थे। यह जिला पहले एक रियासत था, जिसे भील शासक बांसिया ने स्थापित किया था। बाद में महारावल जगमल सिंह ने इस पर विजय प्राप्त की और इसे बांसवाड़ा नाम दिया।

बांसवाड़ा में घूमने की प्रमुख जगहें

चाचा कोटा

बांसवाड़ा शहर से 14 किलोमीटर दूर स्थित चाचा कोटा एक प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर जगह है। यहां हरी-भरी पहाड़ियां, समुद्र तट जैसा नजारा और माही नदी के किनारे फैले 100 से ज्यादा टापू आपको अनोखा अनुभव देंगे। टेढ़ी-मेड़ी सड़कों और झरनों के बीच यह स्थान किसी स्वर्ग से कम नहीं लगता।

माही बांध

माही बजाज सागर बांध बांसवाड़ा का खूबसूरत बांध है। यह राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा बांध है और यहां की कृषि और आर्थिक विकास का महत्वपूर्ण स्रोत है।

16 दरवाजों वाला यह बांध मानसून के समय पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन जाता है। बांसवाड़ा शहर से 18 किलोमीटर दूर स्थित इस बांध के पानी में कई पहाड़ियां डूबी रहती हैं, जिससे छोटे-छोटे टापुओं जैसा दिखाई  देता है।

श्री त्रिपुर सुंदरी मंदिर

श्री त्रिपुर सुंदरी मंदिर बांसवाड़ा से 19 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह मंदिर त्रिपुर सुंदरी देवी को समर्पित है और यहां माता तीर्तिया की 18 भुजाओं वाली भव्य मूर्ति स्थापित है। यह वागड़ क्षेत्र का सबसे प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है और दूर-दूर से श्रद्धालु यहां पूजा करने आते हैं।

कागदी पिकअप

बांसवाड़ा के पूर्वी हिस्से में स्थित कागदी पिकअप पर्यटकों के लिए बेहद शानदार जगह है। यहां की कागदी झील और किनारे बने बगीचे की खूबसूरती देखते ही बनती है। विशेष रूप से बरसात के मौसम में यह जगह प्रवासी पक्षियों देखने को मिलते हैं।

सैयदी फखरुद्दीन शहीद स्मारक

गलियाकोट, बांसवाड़ा से करीब 80 किलोमीटर दूर स्थित है। यह दाऊदी बोहरा समुदाय के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है। यहां सैयदी फखरुद्दीन की कब्र है, जो 10वीं शताब्दी में यहां रहते थे। हर साल हजारों श्रद्धालु यहां श्रद्धांजलि देने आते हैं।

कैसे पहुंचे बांसवाड़ा?

वायु मार्ग: बांसवाड़ा का निकटतम हवाई अड्डा उदयपुर में है, जो 185 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

रेल मार्ग: निकटतम रेलवे स्टेशन रतलाम है, जो 80 किलोमीटर दूर है।

सड़क मार्ग: बांसवाड़ा के लिए दिल्ली, जयपुर, भरतपुर और मुंबई से बसें आसानी से उपलब्ध हैं।

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