अनोखा गांव! नहीं बनते पक्के घर, दरवाजे पर नहीं लगाया जाता ताला
कहते हैं भारत का दिल यहां के गांव में बसता है. शहर की भीड़ भाड़ से दूर गांव की शांति में आपको असली भारत देखने को मिलता है. आज भी भारत की आबादी का एक बहुत बड़ा हिस्सा गांव में ही रहता है.
भारत में ऐसे कई गाँव हैं जो अपनी अनोखी सुंदरता के लिए प्रसिद्ध हैं। इन गांवों में पाई जाने वाली मिट्टी की खुशबू और साफ सुथरे वातावरण में अक्सर समय बिताना पसंद करते हैं। हरे-भरे जंगलों, खूबसूरत पहाड़ों, बहती नदियों और मन मोह लेने वाले नजरों के बीच शांति के साथ समय बिताना निसंदेह एक यादगार अनुभव देता है.
आज हम आपको भारत के एक ऐसे ही अनोखे गांव के बारे में बताने जा रहे हैं. जो देश के अन्य गांव से कई महीनो में अलग है इस गांव में कुछ ऐसी बातें हैं जिन्हें जानकर आपको हैरानी होगी और जिस प्रकार से यहां के गांव वाले अपना जीवन जीते हैं निसंदेह एक मिसाल है.
आज के विज्ञान के दौर में भी इस गांव में कुछ ऐसी प्रथाएं प्रचलित है जिन्हें जानकर आसानी से उन पर यकीन नहीं हो पाता है. तो चलिए जानते हैं राजस्थान जिले के इस अनोखे गांव के बारे में:
देवमाली गांव
हम बात कर रहे हैं राजस्थान के अजमेर जिले में स्थित देव माली गांव के बारे में! यह पूरे भारत का एक ऐसा गांव है जहां एक भी पक्का मकान आपको नहीं मिलेगा. इस गांव के बारे में कुछ ऐसी खास बातें हैं जिन्हें जानकर आप शायद उन पर यकीन न कर पाए.
300 परिवारों का यह गांव 2000 लोग रहते हैं. यह लोग लावड़ा गोत्र के गुर्जर समाज से संबंध रखते हैं. इन्हें अंधविश्वास का लीजिए या लोगों की आस्था लेकिन आज भी यह लोग अपनी परंपराओं का बहुत ही दृढ़ता से पालन करते हैं चलिए अब जानते हैं इस गांव के बारे में कौन सी है वह बातें जो इसे खास banaati हैं-
- जैसा कि हमने आपको पहले भी बताया इस गांव में किसी भी निवासी का घर पक्का नहीं होता है. सभी गांव वाले कच्चे मकान में रहते हैं.
- आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इस गांव में किसी भी गांव वालों के नाम पर कोई भी जमीन रजिस्टर नहीं है. गांव की सारी जमीन भगवान देवनारायण के नाम पर अंकित है.
- गांव में बिजली चली जाने के बाद लोग इनवर्टर का नहीं बल्कि तिल्ली के तेल का इस्तेमाल करते हैं और अपने घर में रोशनी करते हैं.
- गांव के किसी भी घर में कभी भी ताला नहीं लगाया जाता है और आज तक इस गांव में कभी भी चोरी नहीं हुई है.
- देवमाली गांव के सभी लोग शाकाहारी हैं। एस और अपने ईष्ट भगवान देवनारायण की पूजा अर्चना करते हैं और उन्हीं के भजन कीर्तन करते हैं।
- यदि गलती से कोई मांसाहारी भोजन का सेवन कर ले तो विशेष पूजा करवाई जाती है।
- एक और अनोखी बात जो इस गांव में प्रचलित है की शादी के समय कोई भी दूल्हा घोड़ी के बजाय गाड़ी या किसी अन्य वाहन का प्रयोग करता है। लोगों की मान्यता है कि यदि घोड़े पर बैठकर दूल्हा शादी के लिए जाता है तो गांव में कई तरह के हादसे होने लगते हैं ।
- मान्यताओं के अनुसार देवमाली गांव का प्रत्येक व्यक्ति हर सुबह यहां स्थित पहाड़ी के नंगे पांव चक्कर लगाता है और गांव की सुख समृद्धि के लिए भगवान देवनारायण से प्रार्थना करता है।
क्या है मान्यताओं की वजह
आपको बता दे गांव के सभी लोग भगवान देवनारायण में अटूट आस्था रखते हैं और उन्हें भगवान विष्णु का अवतार मानते हैं। गांव में पक्के घर ना बनाना किसी आर्थिक समस्या के कारण नहीं बल्कि भगवान के आदेश के वजह से किया जाता है।
जानकारी के अनुसार भगवान देवनारायण एक बार खुद इस गांव में पधारे थे। और यहां से जाते हुए लोगों को सुखी रहने का आशीर्वाद दिया और साथ में पक्के घरों का निर्माण न करने का आदेश भी दिया।
सबसे हैरानी की बात यह है कि पिछले 50 सालों में आज तक इस गांव में कभी भी चोरी नहीं हुई है। साथ ही गांव की पूरी जमीन भगवान देवनारायण के नाम पर अंकित है। आज भी गांव वाले अपने नाम की जमीनों पर अपना घर नहीं बनाते हैं। यहां के लोग कृषि और पशुपालन से ही अपना जीवन निर्वाह करते हैं
देवमाली गांव के इन अनोखी मान्यताएं इस गांव को अनोखा बनाते हैं तो अगर आप भी इस देव माली गांव के बारे में यह सब जानने के बाद यहां जाने के इच्छुक हैं तो एक बार इस गांव में जाकर इन चीजों का खुदअनुभव अवश्य करें ., पशुपालन के यहां के लोग जिंदगी गुजर-बसर करते हैं।