अक्सर हरियाणा में लगा रहता है आपका आना जाना, तो अगली बार ये 7 टूरिस्ट डेस्टिनेशंस भी जरूर करें एक्सप्लोर
Haryana Tourist Places Near Delhi: देश की राजधानी दिल्ली को पर्यटन के लिहाज से एक जाना माना टूरिस्ट प्लेस है। यहां आपको खूबसूरत मंदिरों के साथ-साथ ऐसी कई ऐतिहासिक विजिटिंग स्पॉट देखने को मिलते हैं जहां अक्सर पर्यटकों का जमावड़ा लगा रहता है। लेकिन दिल्ली के बगल में ही स्थित हरियाणा की यात्रा के बारे में कम ही लोग सोचते हैं।
आज हम आपको दिल्ली के करीब स्थित हरियाणा के कुछ ऐसे ट्रैवल डेस्टिनेशन के बारे में बताने जा रहे हैं जहां जाकर आप एक शानदार यात्रा का अनुभव ले सकते हैं।
वीकेंड वीकेंड एंजॉय करने के लिए या बीच में होने वाली दो या तीन दिन की छुट्टी को बढ़िया तरीके से इस्तेमाल करने के लिहाज से हरियाणा के ये टूरिस्ट स्पॉट एकदम परफेक्ट है। जहां आप बिना ज्यादा टाइम खर्च करें पहुंच सकते हैं और एक अच्छा वीकेंड प्लान कर सकते हैं।
तो चलिए अब देखते हैं हरियाणा के ये ऐतिहासिक और सियासी घटनाओं के गवाह रहे टूरिस्ट डेस्टिनेशन जो प्राचीन काल से ही काफी महत्वपूर्ण रहे हैं ।
गूजरी महल
हरियाणा में ऐसी कई ऐतिहासिक इमारतें हैं जो आज भी काफी बढ़िया स्थिति में है। इन्हीं में से एक है हरियाणा के हिसार में स्थित गूजरी महल। इतिहास के अनुसार गूजरी महल का निर्माण फिरोज शाह तुगलक द्वारा करवाया गया था।
जिस तरह आगरा का ताजमहल प्यार की निशानी के रूप में पूरी दुनिया में मशहूर है उसी प्रकार गूजरी महल को भी प्यार की निशानी के रूप में जाना जाता है। जिसका निर्माण फिरोज शाह तुगलक द्वारा अपनी प्रेमिका गूजरी की याद में करवाया गया था।
गुजरी महल एक बड़े आयताकार मंच पर स्थित है और इसे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा एक केंद्रीय संरक्षित स्मारक के रूप में नामित किया गया है। गूजरी महल के निर्माण के दौरान, मजबूत काले पत्थरों का उपयोग किया गया था और दीवारें असाधारण रूप से चौड़ी बनाई गई थीं। इसके अतिरिक्त, महल में जल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए गुजरी महल के डिजाइन में तालाब बनाया गया था ।
करनाल लेक
हरियाणा के करनाल में स्थित करनाल लेक भी पर्यटकों के बीच काफी प्रसिद्ध है। करनाल लेक को महाभारत काल से संबंधित माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार यह झील अंगराज कर्ण द्वारा बनवाई गई थी। जिस वजह से इस कर्ण झील भी कहा जाता है।
अगर आप एक छोटी पिकनिक पार्टी प्लान कर रहे हैं तो यह आपके लिए एक परफेक्ट लोकेशन है। दिल्ली और चंडीगढ़ दोनों शहरों से करनाल लगभग 124 किलोमीटर दूर है । करनाल झील विजिट करने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से लेकर मार्च तक का होता है। क्योंकि इस समय यहां का मौसम काफी खुशगवार रहता है
कोस मीनार
अगर आप भारतीय इतिहास में दिलचस्पी रखते हैं तो कोर्स मीनार आपके लिए एक दिलचस्प लोकेशन हो सकती है। आपको बता दें पुराने समय में कोस मीनार का निर्माण एक खास मकसद से करवाया जाता था।
जैसा कि आप में से कई लोगों को पता होगा कि पुराने जमाने में कोस एक प्रकार की दूरी मापने की इकाई होती थी, इसी तर्ज पर एक निश्चित दूरी को मापने के लिए हर एक कोस के बाद कोस मीनार का निर्माण कराया जाता था .
हरियाणा में स्थित कोस मीनार की कहानी भी कुछ ऐसी ही है यहां पर 49 कोस मीनारें हैं. मान्यताओं के अनुसार इनका निर्माण शेरशाह सूरी द्वारा ग्रांट ट्रंक रोड के निर्माण के समय करवाया गया था। जिससे एक कोस की दूरी को मापा जा सके। आपको बता दे दो कोस मीनारों के बीच की दूरी लगभग 3.22 किलोमीटर की होती है।
जल महल
महलों का जिक्र होता है तो अक्सर लोग राजस्थान के बारे में ही सोचते हैं .लेकिन हरियाणा के नारनौल जिले में स्थित जल महल एक ऐतिहासिक स्थल है जहां पर अक्सर टूरिस्ट इसे देखने पहुंचते हैं। 11 एकड़ में फैले इस महल को एक विशाल तालाब के अंदर बनाया गया है जिस कारण इसका नाम जल महल पड़ा है।
आपको बता दें इस महल का निर्माण शाह कुली खान ने पानीपत के दूसरे युद्ध के बाद करवाया था। इस जल महल तक पहुंचाने के लिए पानी पर बने एक पुल का प्रयोग करना पड़ता है।
जल महल की लोकेशन बेहद है खूबसूरत है। यहां आप अपने दोस्तों या परिवार के साथ एक छोटा सा प्लान कर सकते हैं। और इस ऐतिहासिक इमारत को करीब से देख सकते हैं।
महम की बावड़ी
हरियाणा के रोहतक में स्थित इस महम की बावड़ी को मुगल काल से संबंधित माना जाता है। इसका निर्माण शाहजहां के शासनकाल में हुआ था । एक ऐतिहासिक इमारत होने की वजह से यहां अक्सर पर्यटक घूमने पहुंचते हैं आपको बता दे इस बावड़ी की लंबाई 200 फीट और चौड़ाई लगभग 90 फिट है और बावड़ी में नीचे उतरने के लिए 108 सीढ़ियां भी मौजूद है।
मान्यताओं के अनुसार शाहजहां ने इस इलाके में पानी की किल्लत को दूर करने के लिए महम की बावड़ी का निर्माण करवाया था। भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित इस ऐतिहासिक स्थल मैं एक प्राचीन फारसी शिलालेख भी मौजूद है। इस बावड़ी की खूबसूरती की वजह से इसका नाम ‘स्वर्ग का झरना’ भी पड़ा है।
काबुली बाग मस्जिद
मुगल काल में दिल्ली सभी सुल्तानों की राजधानी हुआ करती थी जिस वजह से दिल्ली के आसपास के इलाकों में भी मुगल सल्तनत से संबंधित काफी इमारतें देखने को मिलती हैं।
जिस कारण हरियाणा में भी मुगल काल की कई इमारतें देखने को मिलते हैं इन्हीं में से एक है पानीपत में स्थित काबुली बाग मस्जिद। इतिहासकारों के अनुसार बाबर ने पानीपत की लड़ाई जीतने के बाद जीत की खुशी में काबुली भाव मस्जिद का निर्माण करवाया था। इस मस्जिद का नाम बाबर की बेगम मुसम्मत काबुली बेगम के नाम पर रखा गया है।
हरियाणा में स्थित मुगल काल के खूबसूरत काबुली बाग मस्जिद को देखने के लिए अक्सर पर्यटक यहां पहुंचते हैं।
अग्रोहा धाम मंदिर
हरियाणा की ट्रिप हिसार में स्थित अग्रोहा धाम मंदिर की यात्रा किए बिना पूरी नहीं हो सकती। अग्रोहा धाम मंदिर हरियाणा के मशहूर टूरिस्ट प्लेस में से एक है। यह ऐतिहासिक मंदिर महाराज अग्रसेन द्वारा बनवाया गया है। अग्रोहा धाम मंदिर वास्तुकला की एक अनूठी कलाकृति है जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक यहां पर आते हैं।
आपको बता दे इस मंदिर का निर्माण तीन भागों में करवाया गया है जिसका पूर्वी हिस्सा महाराज अग्रसेन को समर्पित है। इस मंदिर का पश्चिमी हिस्सा मां सरस्वती को समर्पित है तथा बीच वाले हिस्से को मां लक्ष्मी के लिए समर्पित किया गया है।
अगली बार जब भी आप हरियाणा की यात्रा पर जाएं तो हिसार के इस ऐतिहासिक मंदिर के दर्शन जरूर करें।