सिर्फ 30 परिवार! न इंटरनेट और न ही कोई गाड़ी, सुकून देखना है तो भारत के इस अनोखे गांव की करें यात्रा

क्या आप शांति और सुकून की तलाश में हैं, जहाँ न गाड़ियाँ हों, न इंटरनेट का शोर हो, और केवल प्रकृति का आनंद लिया जा सके? अगर हाँ, तो गोरखे आपके लिए एक आदर्श जगह है।

यह छोटा सा गाँव दार्जिलिंग और सिक्किम के बीच स्थित है, जहाँ की खूबसूरत नदियाँ और घने जंगल आपको एक नई दुनिया में ले जाएंगे। यहाँ गोरखे खोला नामक नदी बहती है, जो सिक्किम और पश्चिम बंगाल की सीमा तय करती है, और इस गाँव में केवल 30 परिवार रहते हैं।

यह जगह अभी भी ज्यादातर लोगों के लिए अनजान है, यहाँ की सुंदरता देख आपका दिल खुश हो जाएगा।

गोरखे क्यों जाएं?

गोरखे गाँव शहर की भीड़-भाड़ और शोर से दूर है। यहाँ केवल 30 परिवार रहते हैं, जो खेती करते हैं। इस गाँव में गाड़ियाँ नहीं जातीं और यहाँ तक पहुँचने के लिए पैदल ट्रेक करना पड़ता है। अगर आप सुकून, ताजी हवा और शुद्ध प्रकृति का आनंद लेना चाहते हैं, तो गोरखे आपके लिए परफेक्ट जगह है।

यहाँ क्या खास है?

गोरखे से आप दुनिया की कुछ सबसे ऊँची चोटियों जैसे माउंट एवरेस्ट, मकालू, कंचनजंगा और ल्होत्से को देख सकते हैं। इसके अलावा नेपाल, सिक्किम, तिब्बत और भूटान की चोटियाँ भी यहाँ से दिखती हैं। यह नज़ारे बहुत ही खूबसूरत और यादगार होते हैं।

गोरखे कैसे पहुँचे?

गोरखे आने के लिए सबसे नजदीकी एयरपोर्ट बागडोगरा है, जो करीब 170 किलोमीटर दूर है। वहीं, सबसे पास रेलवे स्टेशन न्यू जलपाईगुड़ी है, जो लगभग 150 किलोमीटर दूर है। दार्जिलिंग से यहाँ पहुँचने में करीब 4 घंटे लगते हैं।

कब जाएं?

गोरखे आप साल के किसी भी समय जा सकते हैं। लेकिन अगर आप रोडोडेंड्रन के खूबसूरत लाल फूल देखना चाहते हैं, तो मार्च से मई के बीच जाएं। इस समय यहाँ का मौसम अच्छा रहता है और आसमान भी साफ दिखता है।

फोकटे दारा ट्रेक

अगर आपको ट्रेकिंग पसंद है, तो फोकटे दारा ट्रेक जरूर करें। यह ट्रेक आसान है और यहाँ से नेपाल और सिक्किम की पहाड़ियाँ साफ नजर आती हैं।

गोरखे एक ऐसा गाँव है, जहाँ आपको शांति और सुकून मिलेगा। अगर आप रोजमर्रा की भागदौड़ और इंटरनेट की दुनिया से दूर जाना चाहते हैं, तो गोरखे एकदम सही जगह है।

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